अयोध्या (Ayodhya) के मंदिर ट्रस्ट द्वारा ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के लिए भगवान राम लल्ला की मूर्ति को अंतिम रूप दिए जाने के कुछ दिनों के बाद, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज ( Arun Yogiraj ) द्वारा बनाई गई मूर्ति का चयन किया गया हैं जो भव्य राम मंदिर की शोभा बढ़ाएगी।
51 इंच की राम लल्ला की मूर्ति अयोध्या में विराजमान (Idol Ram Lalla )
अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मूर्ति के चयन को अंतिम रूप दे दिया गया है। भगवान राम की मूर्ति, हमारे देश के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई है।
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने भी सोशल मीडिया पर खुशी व्यक्त करते हुए मूर्तिकार अरुण योगीराज को बधाई दी और राम मंदिर में स्थापना के लिए भगवान राम की मूर्ति के चयन पर गर्व व्यक्त किया हैं।
मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई भगवान राम की मूर्ति को अयोध्या के भव्य श्री राम मंदिर में स्थापना के लिए चुना गया है, जिससे राज्य के सभी राम भक्तों का गौरव और खुशी दोगुनी हो गई है।
दूसरी ओर, योगीराज ने कहा कि उन्हें मूर्ति के बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन नहीं है कि मेरे काम का चयन किया गया है। लेकिन मुझे इसके बारे में मीडिया के माध्यम से ही पता चला हैं।
कौन हैं अरुण योगीराज? Who is Arun Yogiraj?
अयोध्या के मंदिर के लिए भगवान राम लल्ला की मूर्ति के निर्माता, विख्यात मूर्तिकार अरुण योगीराज (Arun Yogiraj) ने कम उम्र में मूर्तिकला की अपनी यात्रा शुरू की और वह अपने पिता, योगीराज, साथ ही अपने दादा, बसवन्ना शिल्पी से काफी प्रेरित थे। अरुण योगीराज, एक युवा एमबीए स्नातक, आसानी से एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में एक आरामदायक पद पर स्थापित हो सकता था।
उनके परिवार की पीढ़ीगत कला का आकर्षण अधिक मजबूत साबित हुआ। और मूर्तिकला की अद्भुत दुनिया के लिए अरुण के जुनून ने उन्हें 2008 में मूर्ति कला के क्षेत्र में वापस लाकर खड़ा कर दिया और खुद को पूरी तरह से उस कला के प्रति समर्पित कर दिया जो उनकी रगों में बहती थी।
तभी से अरुण योगी राज आपनी कला को निखारने लगे। कुछ वर्षों से उनकी कलात्मकता अद्भुत तरीके से बढ़ने लागी, जिससे उन्हें फेमस मूर्तियां बनाने में मदद मिली। जिसकी वजह से पूरे देश से संमान मिली है।
अरुण योगीराज निर्मित कई मूर्तियों को पीएम मोदी ने किया अनावरण
उनके पोर्टफोलियो में कई प्रभावशाली मूर्तियां शामिल हैं जैसे कि सुभाष चंद्र बोस की 30 फीट की मूर्ति, जो इंडिया गेट के पास अमर जवान ज्योति के पीछे लगा है।
![](https://24timestalk.com/wp-content/uploads/2024/01/arun-mother-1704159582-1704165856.webp)
उनके पोर्टफोलियो में अन्य उल्लेखनीय कलाकृतियों में केदारनाथ में 12 फीट की आदि शंकराचार्य की मूर्ति,
मैसूर के चुंचनकट्टे में 21 फीट की हनुमान मूर्ति, मैसूर में 15 फीट की बी आर अंबेडकर की मूर्ति, मैसूर में स्वामी रामकृष्ण परमहंस की सफेद संगमरमर की पत्थर की मूर्ति,
नंदी की 6 फीट की अखंड मूर्ति शामिल हैं।
![Arun Yogiraj the idol of Ram Lalla temple of Ayodhya. I am the luckiest man on earth, God chose me to make the idol of Ram Lalla](https://24timestalk.com/wp-content/uploads/2024/01/Sculptor-Arun-Yogiraj.webp)
6 फीट की बाणशंकरी देवी की मूर्ति और मैसूर महाराजा जयचामाराजेंद्र वोडेयार की 14.5 फीट की सफेद संगमरमर पत्थर की मूर्ति।
उनके काम की सराहना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी की है.
भावुक हुई अरुण योगीराज की मां सरस्वती देवी:
जब से राम मंदिर ट्रस्ट ने अरुण योगीराज की बनाई मूर्ति को फाइनल किया है। तब से अरुण की मां सरस्वती देवी अपने बेटे की मूर्ति के चयन को लेकर काफी खुश है। उन्होंने कहा, मुझे बहुत खुशी हो रही है, काश आज अरुण के पिता भी जीवित होते तो वे और भी खुश होते। पूरी दुनिया मेरे बेटे की बनाई भगवान राम की मूर्ति के दर्शन करेगी और आशीर्वाद प्राप्त करेंगें। इससे बड़ी और कोई खुशी की बात नहीं हो सकती।
अयोध्या राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह:
राम मंदिर का अभिषेक समारोह 22 जनवरी को दोपहर 12.20 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश के अन्य शीर्ष नेताओं की मौजूदगी में सम्पन्न हुआ।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र एक ट्रस्ट समूह है जिसे अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और प्रबंधन की जिम्मेदारी दी गई है।
भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या भारत एवं विदेशों में बसे सनतानियों के लिए महान आध्यात्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व रखती है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने समारोह के लिए सभी संप्रदायों के 4,000 संतों को भी आमंत्रित किया है।
आप हो बात दे कि अयोध्या में राम लला के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह के लिए वैदिक अनुष्ठान मुख्य समारोह से एक सप्ताह पहले 16 जनवरी 2024 को शुरू हो गई थी।
चुकी अयोध्या में राम मंदिर को लेकर देश में उत्साह है, पीएम मोदी ने लोगों से ‘श्री राम भजन’ हैशटैग “#Shri Ram Bhajan” के साथ सोशल मीडिया पर इससे संबंधित ‘भजन’ जैसी अपनी रचनाएं साझा करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह संकलन भावनाओं और भक्ति का प्रवाह बन जाएगा जिसमें हर कोई भगवान राम के लोकाचार से ओत-प्रोत हो जाएगा।
अन्य मूर्तिकार:
बेंगलुरु स्थित गणेश भट्ट एक और मूर्तिकार हैं जिनकी मूर्तियाँ न केवल देश भर में बल्कि विदेशों में भी लगाई गई हैं। ये प्रसिद्ध मूर्तिकार देवलकुंडा वैद्यराज के शिष्य हैं।
अरुण योगीराज पांच पीढ़ियों से मैसूर (कर्नाटक) के प्रसिद्ध मूर्तिकारों के परिवार से आते हैं, जिनमें से कुछ ने मैसूर शाही परिवार के लिए काम किया है। ।
सत्यनारायण पांडे भी मूर्तिकारों के परिवार से आते हैं और उन्होंने अतीत में इस्कॉन और बिड़ला मंदिरों के लिए मूर्तियां बनाई हैं।